जनधन खाता निष्क्रिय होने से कई लोग लौटे

जनधन खाता निष्क्रिय होने से कई लोग लौटे











जनधान खातों में पांच सौ रुपये आने के बावजूद अधिकतर लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। ऐसा खातों के निष्क्रिय होने से हुआ है। सोमवार को विभिन्न ग्राहक सेवा केंद्रों और बैंक शाखाओं के बाहर यह नजारा देखने को मिला। पैसा लेने के लिए गांवों और शहर में बुनकर बहुल क्षेत्रों में भीड़ दिखी।


बैंक शाखा और ग्राहक सेवा केंद्र पर लंबी कतार जब नंबर आया तो पता चला कि खाता निष्क्रिय है। इस कारण कई लोग निराश होकर लौट गए। उधर जिन खाताधारकों के पास आधार कार्ड था या उनके खाते से आधार कार्ड जुड़ा हुआ था। उन्हें थोड़ी देर इंतजार करने के बाद धनराशि मिल गई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में मनरेगा मजदूरों, बुनकरों सहित अन्य जनधन खाता धारकों को 500 रुपए प्रति माह 3 महीने तक दिए जाने हैं। छह साल पहले जनधन खाते खुलने शुरू हुए थे। लेकिन इनमें से ज्यादातर खाताधारकों ने 3 से 4 वर्ष में एक भी लेन-देन नहीं किया है। जिससे यह खाते निष्क्रिय हो गए हैं। बनारस में साढे 15 लाख जनधन खाते हैं। इनमें करीब 70 फ़ीसदी निष्क्रिय हैं। पीएम गरीब कल्याण योजना में करीब 6 लाख खातों में यह राशि आई है। लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर मिथिलेश कुमार ने बताया कि जो खाते निष्क्रिय हैं। उन्हें एक्टिव करने के लिए आधार कार्ड या अन्य फोटो प्रमाण पत्र साथ लाना होगा। सभी बैंकों को जल्द से जल्द खाते को सक्रिय करके राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।


रामेश्वर में बड़ौदा यूपी बैंक (काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक) शाखा में सोमवार को ग्राहकों की लम्बी कतारलग गई। 80 खाताधारकों को पैसा दिया गया। खाता निष्क्रिय होने से दस खाताधारक पैसा नहीं पा सके। दो-तीन घंटे लाइन में खड़े होने के बाद जब ये काउंटर पर पहुंचे तो पता चला कि उनका खाता बन्द पड़ा है। हीरमपुर की कलावती, कुसुम, खेवली की चमेली, रीता, मनोरमा और रामेश्वर की उर्मिला सहित अन्य गांवों से अन्य खाताधारक निराश लौट गए। रोहनिया में बैंक ऑफ बड़ौदा ग्राहक सेवा केंद्र अखरी पर जनधन खाता धारक 500 रुपए निकालने पहुंचे। इनमें से कुछ खाता धारकों ने एटीएम से रुपए निकालने की कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिली। पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि उनका खाता निष्क्रिय है। इसी तरह बैंक ऑफ इंडिया चुनार रोड की खाताधारक गुरुवा निवासी चंदा देवी, रोहनिया निवासी कलावती देवी जो बैंक ऑफ बड़ौदा की खाता धारक हैं। उन्हें पहले तो कतार में लंबा इंतजार करना पड़ा। फिर खाता निष्क्रिय होने और कुछ दस्तावेज न होने पर वापस लौटना पड़ा। कछवांरोड में काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक में सोमवार को जनधन खाते से रुपया निकालने को लोगों की भीड़ उमड़ी। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण 2 से 3 खाताधारकों को बैंक में बुलाया गया जिससे बाहर कड़ी धूप में खाताधारकों को लंबा इंतजार करना पड़ा।‌ लेकिन धूप से बचने के लिए बाहर मौजूद महिलाएं और पुरुष खाताधारक एक पुलिया के किनारे इकट्ठे होकर बैठे रहे जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका।














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