आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल समेत 12 मेडिकल स्टाफ क्वारंटाइन, कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए थे

आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल समेत 12 मेडिकल स्टाफ क्वारंटाइन, कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए थे


आजमगढ़ राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं सुपर फैसिलिटी हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ आरपी शर्मा समेत 12 मेडिकल स्टाफ को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव तीन लोगों के संपर्क में आने के कारण यह फैसला लिया गया है। जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह के अनुसार फिलहाल प्रिंसिपल की कोरोना जांच निगेटिव आई है। पांच दिनों बाद फिर उनका सैंपल जांच के लिए भेजा जायेगा। 


चक्रपानपुर संवाददाता के अनुसार राजकीय मेडिकल कालेज एवं सुपर फैसिलिटी हास्पिटल में चार अप्रैल को तीन मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। शनिवार को प्रिसिंपल का सैंपल जांच के लिए गोरखपुर भेजा गया। रविवार को रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद भी उन्हें अगले 14 दिनों तक क्वारंटीन रहने को कहा गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एके मिश्रा के अनुसार अगली जांच के बाद ही उनके काम पर लौटने पर फैसला होगा। एहतियातन प्रिंसिपल समेत 12 डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को क्वारंटीन करने का फैसला लिया गया। 


वहीं, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के आदेश पर प्रिंसिपल डॉ आरपी शर्मा के सभी अधिकार कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ राजेश को दे दिये गए हैं। प्रधानाचार्य को अपना कार्यभार डॉ राजेश को देने का निर्देश दे दिया गया है। रविवार को डीजीएमई कार्यालय से लिखित आदेश भी इस बाबत आ गया। 


25 स्वास्थ्यकर्मियों के कार्य बहिष्कार से भी जोड़ा जा रहा मामला
प्रिंसिपल समेत स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटीन करने का मामला अघोषित कार्य बहिष्कार से भी जोड़ा जा रहा है। राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य के कार्यालय के लगभग 25 कर्मचारियों ने अघोषित रूप से कार्य बहिष्कार कर दिया था। प्राचार्य ने दो बार निर्देश भी दिया लेकिन कोई भी कर्मचारी अपने पटल पर काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ।


उसी दिन प्राचार्य को भी क्वारंटाइन होने की सलाह दी गई। शनिवार को जब कार्यालय का सेनेटाइज किया गया। लेकिन प्रिंसिपल ने सलाह नहीं मानी और कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद भी 25 कर्मचारी अपने-अपने पटल पर उपस्थित नहीं हुए। सभी कर्मचारी प्रशासनिक भवन के सामने स्थित पार्क में इकट्ठा हुए और अघोषित रूप से कार्य बहिष्कार कर दिया। प्रिंसिपल ने कर्मचारियों को बाहर आकर काम करने का दो बार निर्देश भी दिया। लेकिन कोई भी कर्मचारी अपने पटल पर उपस्थित नहीं हुआ।